कान के रोगों से बचाव का घरेलू तरीका
कान के रोगों से बचाव का घरेलू तरीका
सप्ताह में एक बार भोजन करने से पूर्व कान में हल्का सुहाता गर्म सरसों का तेल की दो-चार बूंदें डालकर खाना खाएं। इससे कान में कभी तकलीफ नहीं होगी। कानों में तेल डालने से अंदर का मैल फूलकर बाहर आ जाता है। यदि सप्ताह अथवा पंद्रह दिनों में इस उपाय को आप करते रहेंगे तो कभी भी जिंदगी में बहरेपन की शिकायत भी नहीं होगी और आपके दांत भी मजबूत होंगे।
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यदि कोई व्यक्ति प्रतिदिन कानों में गुनगुना तेल डालकर विश्राम करता है तो उसके शरीर में वृद्धावस्था के लक्षण शीघ्र उत्पन्न प्रतीत नहीं होते हैं। गर्दन को अकड़ जाने का रोग भी कभी नहीं सताता है। इससे नेत्र ज्योति भी बढ़ती है और आंखों में जलन की शिकायत भी कभी नहीं होती है।
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25 ग्राम सरसों के तेल में यदि लहसुन की दो फांके छीलकर डालकर इसको गर्म करके फिर कपड़े से छानकर बने तेल को किसी शीशी में एकत्र कर के रख लें। सप्ताह में एक बार इस तेल को हल्का गर्म करके कान में डालने से श्रवण शक्ति तेज होती है। नाक की खुश्की भी मिट जाती है साथ ही यह नेत्र ज्योति को भी बढ़ाने में सहायक होता है।