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गृहमंत्री के तौर पर क्यों चुने गए अमित शाह?

जिस व्यक्ति को दो सालों के लिए अपने ही गृह राज्य से बाहर कर दिया गया था आज उसको देश के गृह मंत्रालय की कमान सौंपी गई है। सारी अटकलें खत्म। सब अफ़वाहें बंद। बीजेपी के चाणक्य नरेंद्र मोदी कैबिनेट के दूसरे सबसे अहम पद पर काबिज़ हो गए हैं। विपक्ष की हार २३ मई को हुई थी, लेकिन विपक्ष को अफ़सोस आज के दिन ज्यादा होना चाहिए। अमित शाह और नरेंद्र मोदी की जोड़ी ने गुजरात को जिस तरह से एकरंग किया, राजनैतिक रूप से बीजेपी को गुजरात के कण कण में बसाया – वह विपक्ष के लिए चिंता का बड़ा विषय होना चाहिए।

देश के पहले गृहमंत्री सरदार पटेल ने देश को एकीकृत करने का काम किया था। अब गृहमंत्री के रूप में अमित शाह उस एकीकृत भारत को मजबूत करेंगे या जाति-धर्म-भाषा-संस्कृति के आधार पर इसे तोड़कर एकरंग करेंगे – यह भविष्य बताएगा।

अमित शाह को गृह मंत्रालय मिलने का एक बड़ा कारण चीज़ों को कर देने की उनकी क्षमता है। काम के प्रति उनका समर्पण, पेशेवर प्रवृत्ति और रिज़ल्ट ओरियेंटेड अप्रोच। अमित शाह न केवल फ़तह करना जानते हैं बल्कि विपक्ष का समूल नाश का फॉर्म्यूला उनके पास होता है।

उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा, बिहार में राजद और देश में कांग्रेस को लगभग खत्म कर देने का श्रेय अमित शाह की संगठनात्मक काबिलियत और विपक्ष की नैतिक कमज़ोरी को जाता है। हत्या से लेकर जासूसी तक के लगभग तमाम आपराधिक आरोपों को झेलने वाले अमित शाह हर आरोप से बाहर निकले या यों कहिए निकाले गए और आरोपों को पीछे छोड़कर और अधिक ताकतवर होते चले गए।

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