चीफ साइंटिस्ट की सभी देशों को चेतावनी, प्लान B पर काम करना जरूरी, शायद वैक्सीन कभी न मिले
शायद कभी न मिले वैक्सीन
साइंटिस्ट जेन हाल्टन ऑस्ट्रेलिया (australian scientist jane halton) की सबसे अनुभवी महामारी एक्सपर्ट के तौर पर जानी जाती हैं और इस समय कोरोना वायरस की वैक्सीन की खोज में जुटी अंतरराष्ट्रीय टीम का नेतृत्व कर रही है. इस टीम को बिल गेट्स की तरफ से फंड मिला है. इसके अलावा जेन विश्व स्वास्थ्य संगठन के एग्जेक्यूटिव बोर्ड और वर्ल्ड हेल्थ असेंबली की प्रेसिडेंट के पद पर भी काम कर चुकी हैं.
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बातचीत में जेन का कहना है कि, वो ये चेतावनी सिर्फ इसलिए दे रही हैं जिससे प्लान B पर काम शुरू किया जाए. क्योंकि, इस समय पूरी दुनिया को ये उम्मीद है कि, जल्द ही कोरोना की वैक्सीन मिल जाएगी. पर शायद ये वैक्सीन हमें कभी ना मिले.
प्लान B पर काम करना जरूरी
साइंटिस्ट जेन हाल्टन ने आगे कहा कि, इस वायरस के कारण विश्व के 17 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं और 1 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. ऐसे में सिर्फ वैक्सीन के भरोसे बैठना सही नहीं है क्योंकि, इतने कम समय कोरोना को मात देने वाली वैक्सीन तैयार करना नामुमिकन है और तमाम देश अवास्तविक उम्मीदों पर टिके हैं. पर जब COVID 19 के अलावा अन्य कोरोना वायरस की वैक्सीन ही अब तक बन नहीं पाई हैं तो ऐसे में इस पर विश्वास करना गलत होगा.
जरूरी है कि, अब प्लान B पर काम किया जाए.
जेन हाल्टन ने बातचीत में कहा कि, कई हेल्थ एक्सपर्ट ऐसा दावा कर रहे हैं कि, 2021 तक दुनिया को कोरोना वैक्सीन मिल जाएगी. पर आप ये सोचिए कि, जब बीते 40 सालों से वैज्ञानिकों को एचआईवी की वैक्सीन नहीं मिली है जिसकी वजह से कई करोड़ों लोगों की जान जा चुकी हैतो इस बार कोरोना वैक्सीन पर किए जा रहे दावे पर भरोसा करना सही नहीं होगा. जेन ने कहा कि, उनके द्वारा दी गई चेतावनी भले ही तमाम देशों के लिए लोगों के लिए चिंता बन सकती है मगर, वो सिर्फ सतर्क करना चाहती हैं. जिससे जल्द से जल्द प्लान B पर काम शुरू किया जाए.
बताते चलें कि, अमेरिका, चीन समेत कई देशों में कोरोना वैक्सीन का ट्रायल शुरू हो गया है. हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन मांगी थी. जो भारत द्वारा भेजी जा रही है और सिर्फ अमेरिका ही नहीं बल्कि भारत कई देशों में इस दवाई को कोरोना के इलाज के लिए भेज रहा है.