जीवन में हमेशा खुश रहना है तो भगवद गीता की ये 5 बातें हमेशा याद रखें
विचारों में तो सभी लोग आदर्शवादी होते हैं। योग्य अयोग्य का ज्ञान या पाप-पुण्य की अनुभूति तो मूर्ख और पापी को भी होती है। लेकिन महान व्यक्ति वह होता है जो संकट की घड़ी में भी हमेशा दूसरों की सहायता करता है।
खुश रहना है तो भगवद गीता की ये 5 बातें याद रखें
धर्म-अधर्म का ज्ञान सभी को रहता है। सभी उन बातों को जानते हैं। हम भी यदि उन्हीं बातों की कोई चर्चा करते हुए घूमे तो कोई विशेष प्रयोजन सिद्ध नहीं होता। श्रीकृष्ण ने यह बात दुर्योधन से तब कही थी जब वे शांतिदूत बनकर आए थे।
लालच की ने तो कोई सीमा और न कोई समाधान है। बल्कि मन की कामनाओं को गिराने देने में इसका समाधान निहित है।
हमारा लालच ही हमारे मन को भटका देता है, और हमें भ्रमित कर देता है। इसी कारण हमें सत्य और असत्य की अनुभूति नहीं हो पाती और हम अपने कार्यों से चूक जाते हैं।
जिस दिन हमारे मन की कामना शांत हो जाएगी, चाहत गिर जाएगी, उसी में ही हम परम तृप्त हो जाएंगे। जहां हम हैं जैसे भी है उसी में ही हमें आनंदित रहना चाहिए यही जीवन का आधार है।