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दूध में ऐसा क्या है कि उससे नहाने से बदल जाती है रौनक?

आपको नहाना है तो विदेशी कंपनियों के साबुन का प्रयोग करना बंद करना होगा, जबकि लोग ज़्यादा साफ-सुथरा दिखने के लिए इन कॉस्मिक साबुनों का जमकर प्रयोग करते हैं। लेकिन हैरानी इस बात की है कि इसके बाद बी इन लोगों में कोई परिवर्तन नहीं होता है, जबकि आयुर्वेद में ऐसी संभावना बती गयी हैं, जिससे व्यक्ति में निखार लाया जात सकता है। इस बात का हल बी कोई गुप्त नहीं है। जी हाँ, ये सब बातें आप सभी को मालूम हैं। मसलन आप 400 किलोग्राम का डव साबुन क्यों ख़रीदकर नहाते हैं? जवाब में यही मिलेगा कि ये साबुन तो दूध का बना है इसलिए।

ऐसे में जवाब आप लोगों के सम्मुख ही है, कि जब दूध से बने साबुन को इतन बढ़-चढ़ाकर देका जाता है, तो क्यों न हम दूध से ही नहा दें। वैसे बी यह हमारी स्वास्थ्य परंपरा और दिनचर्या का हिस्सा रहा है। तबी तो जब हम किसी बड़े-बुज़ुर्ग के पैर छूते हैं तो वह कहता है कि दूधो-नहाओ… पूतो फलो…। यानी कि दूध से नहाओ। क्या आपने कबी किसी बड़े को यह कहते सुना है कि लक्स लगाओ, पूतो फलो…? फिर हम दूध से नहाने की बजाये विदेशी महँगे केमिकल युक्त साबुन से नहाते हैं, जिसके हमें परिणाम भी नहीं देखने को मिलते हैं।

वास्तव में दूध से स्नान करने के बहुत से फ़ायदे होते हैं। जी हाँ, आपको बता दें कि सबसे बेस्ट क्वालिटी का क्लिंजिंग एजेण्ट माना जाता है। आप दुनियाभर के किसी भी बड़े से बड़े ब्यूटी पार्लरों में चले जाइए वहाँ आपको सभी जगह मिल्क क्लिंजिंग का ऑप्शन मिलेगा, जिसके लिए नौ सो से लेकर एक हज़ार रुपये तक का दाम लिया जाता है। इसे तो आप ख़ुद से अपने घर पर ही कर सकते हैं, दूध से नहाकर। दूध से नहाने के लिए थोड़ा सा दूध लेकर उसे तेल की तरह पूरे शरीर में रगड़कर पिर पानी से नहा लो। ऐसे नहाते रहने से आपके पूरे शरीर में रौनक आ जाएगी।

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