मंडप में दूल्हे को छोड़कर नौकरी की काउंसलिंग में पहुंची दुल्हन, सरकारी टीचर बन हुई खुशी खुशी विदाई,
गोंडा के रामनगर में बाराबंकी की रहने वाली प्रज्ञा तिवारी मेहंदी लगे हाथों से नौकरी के लिए फॉर्म फिल अप और डॉक्यूमेंट समेटती दिखी। प्रज्ञा के बालों में सजे थे मोगरे की पुष्पों का गजरा और प्रज्ञा नजर आई अपनी नौकरी की इंटरव्यू की तैयारी में।

प्रज्ञा की बुधवार को विवाह हुआ और फेरों के बाद अपने पति की नाम की माथे पर सिंदूर लगाते ही 5:00 बजे के बाद प्रज्ञा मंडप से भाग कर अपनी सरकारी नौकरी की काउंसलिंग गोंडा BAS ऑफिस के लिए निकल पड़ी।

शादी के मंडप को छोड़कर सरकारी नौकरी के लिए काउंसिलिंग में गई प्रज्ञा तिवारी के अंदर एक बहुत ही बड़ा जज्बा दिखा। सरकारी नौकरी की काउंसलिंग की डेट तय थी। इसलिए प्रज्ञा के पास कोई और रास्ता ही ना था। तभी प्रज्ञा अपने शादी की कई रस्मों को बाद के लिए छोड़ते हुए काउंसलिंग के लिए पहुंची।
सरकारी नौकरी की काउंसलिंग के लिए प्रज्ञा लाइन में लगकर अपने सभी डाक्यूमेंट्स हो चेक करवा कर रिसीविंग लिटरली और काउंसलिंग के लिए गई। प्रज्ञा तिवारी के चेहरे पर डबल खुशी झलक रही थी एक खुशी तो शादी की और दूसरी सरकारी नौकरी की काउंसलिंग की। प्रज्ञा का कहना है कि नौकरी उनके लिए शादी से ज्यादा मायने रखती है। इसलिए ही प्रज्ञा ने अपने दूल्हे को शादी के मंडप में अकेला छोड़ काउंसलिंग के लिए भागी और फेरों के बाद की कई सारी रस्में भी बीच में ही छोड़ दी और अपने भावी पति को मंडप में अकेले ही छोड़ दिया।
प्रज्ञा का मानना है कि उनके भावी पति उनके लिए गुड लक बनकर आए और उनके आते ही उन्हें इस नौकरी का सुनहरा अवसर मिला। finally उनके आने के बाद उन्हें नौकरी मिल ही गई। प्रज्ञा कहती हैं की सभी को समाज में self dependent होना चाहिए और अलग ही पहचान बनानी चाहिए। प्रज्ञा अपनी पढ़ाई का श्रेय अपने माता-पिता को देती है। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने प्रज्ञा को शुभकामनाएं दी। प्रज्ञा बेसिक शिक्षा विभाग गोंडा में शिक्षिका के पद पर स्थापित है और अपना काम बखूबी कर रही है।