| |

माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए अब पर्ची नहीं होगी लेनी, बंद हो जाएगा 60 साल पुराना यात्रा का ये सिस्टम

यदि आप भी माता वैष्णो देवी के दर्शन कर चुके हैं तो आपको यह तो पता ही होगा कि बिना पर्ची के यहां पर श्रद्धालुओं को प्रवेश नहीं दिया जाता है इसका मतलब है कि आपकी यात्रा का पहला पड़ाव यात्रा पर्ची लेकर ही शुरू होता है जो कि आपको बानगंगा कर लेना होता है। पर अब आने वाले समय में यह पर्ची नहीं दी जाएगी। जी हां श्राइन बोर्ड यात्रा पर्ची की जगह नई टेक्नोलॉजी पर काम करने वाला है कई तकनीकी का लागू होने के बाद 7 साल से चली आ रही यात्रा परची की परंपरा को खत्म किया जाएगा।

नया सिस्टम होगा जारी

1 जनवरी 2022 को भवन पर हुए हादसे के बाद श्राइन बोर्ड की ओर से यात्रियों की सुरक्षा के लिए बड़े कदम उठाया जा रहे हैं उसमें से यात्री पर्ची की जगह नई तकनीकी युक्त रेडियो फ्रिकवेंसी आईडेंटिफिकेशन सर्विस भी एक है। नहीं आरएफआईडी सर्विस को अगस्त के महीने के शुरू किया जाने वाला है इसका मतलब है कि मैं ही अगले महीने से अगर आप दर्शन के लिए जाते हैं तो आपको पर्ची नहीं लेनी होगी।

कैसा है नया सिस्टम

आरएफआईडी कार्ड पूरी तरीके से अच्छे से बना है जिसे सरवर के साथ कनेक्ट किया जाएगा। इसके लिए बकायदा कंट्रोल रूम भी होगा। श्रद्धालु के फोटो के साथ कार्ड में पूरी तरीके से जानकारी दी गई होगी यात्रा को शुरू करने के पहले बोर्ड के द्वारा पंजीकरण काउंटर से आरएफआईडी कार्ड मिलेगा यात्रा पूरी होने के बाद स्टार्ट को श्रद्धालुओं को वापस करना होगा।

ऑनलाइन पंजीकरण करने पर आएगा मैसेज

अगर आप ऑनलाइन पंजीकरण करते हैं तो कटरा पहुंचने पर आपको फोन पर मैसेज आ जाएगा कि आपको कितने बजे किस काउंटर पर जाकर आ रहा है आईडी कार्ड लेना है इसके लिए वॉयरलैस फिडेलिटी फैसिलिटी विकसित होती है।

ज्ञात हो कि यात्रा पर्ची की शुरुआत 1962 में सूचना विभाग ने किया था। 1970 में पर्यटक विभाग में यात्रा पर्ची की जिम्मेदारी ले ली थी 1986 में माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के गठन के बाद यात्रा पर्ची की जिम्मेदारी श्राइन बोर्ड ने अपने हाथों में ली सुविधा को बंद करके आरएफआईडी कार्ड सिस्टम चालू किया जाने वाला है।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *